गुरु लक्ष्मीङ्कर की कहानी
तिब्बत और भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सम्बन्ध कई प्रकार के हैं | अतीत में, बहुत सी भारतीय साहित्यिक और आध्यात्मिक शास्त्रों को तिब्बत भेजा गया था, और उनके तिब्बती भाषा अनुवाद भी किया गया था | इनमें से बौद्ध ग्रन्थ हैं, जैसे के नागार्जुन, शान्तरक्षित, और कमलशील के लेखन | साथ ही व्याकरण के शास्त्र हैं, जो तिब्बती भाषाविज्ञान का विकास को प्रेरित किया | इसके अलावा, काव्य हैं, जैसे के कालिदास की उत्कृष्ट खण्डकाव्य ‘मेघदूत’ |
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